गरीब होने की वजह आरक्षण

भेदभाव करते हो जाति के आधार पर और आरक्षण चाहते हो आर्थिक आधार पर :

क्या गरीब होने के कारण सवर्ण बेइज़्ज़त होते हैं ?

ज़रा एक नज़र डालते हैं।

प्र० (1)  क्या किसी सवर्ण दूल्हे को "गरीब होने के कारण" घोड़ी से उतारकर पीटने की घटना सुनी है ?

प्र० (2)  क्या "गरीब होने के कारण" ब्राह्मण ठाकुर बनिया को मन्दिर जाने से रोका गया ?

प्र० (3)  क्या कोई सवर्ण "गरीब होने के कारण" स्कूल कॉलेज में छुआछूत का शिकार हुआ ?

प्र० (4)  क्या किसी सवर्ण शिक्षक को "गरीब होने के कारण" स्कूल कॉलेज में *नियुक्ति प्रदान करने से रोका गया ?

प्र० (5)  क्या किसी सवर्ण को सार्वजनिक कुंएं से "गरीब होने के कारण" पानी पीने से रोका गया ?

प्र० (6)  क्या किसी सवर्ण ब्राह्मण ठाकुर बनिया को "गरीब होने के कारण" *शमशान में शव दफनाने से रोका गया हो ?

प्र० (7)  क्या किसी सवर्ण सरपंच-प्रधान को "गरीब होने के कारण" राष्ट्रीय पर्व पर *तिरंगा फहराने से रोका गया ?

प्र० (8) क्या किसी सवर्ण मजदूर को "गरीब होने के कारण" मजदूरी के पैसे मांगने पर *मौत के घाट उतारा गया ?

प्र० (9)  क्या किसी सवर्ण को "गरीब होने के कारण" सामूहिक भोज में से *दावत खाने से रोका गया ?

प्र० (10)  क्या किसी सवर्ण महिला को "गरीब होने के कारण" नंगा करके गाँव में घुमाया गया ?

प्र० (11)  क्या किसी सवर्ण लड़के को "गरीब होने के कारण" अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी लड़की से प्रेम करने पर *मार डाला और सवर्णों की बस्तियां फूंकी गयी?

प्र० (12) इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक सवर्ण जज ने अछूत जज के जाने के बाद कुर्सी को गंगाजल से धोया था, क्या यह गरीबी के कारण हुआ था ?

प्र० (13) आप एक उदाहरण बता दें कि फलां ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया का केवल "गरीब होने के कारण" एस सी, एसटी, ओबीसी की तरह उत्पीड़न किया गया हो, अछूत की तरह *रौंदा* गया हो और *घिनौने* तरीके से जलील किया गया हो।

प्र० (14) फलां ब्राह्मण ठाकुर बनिया महिलाओं के साथ बदले की भावना से सामूहिक बलात्कार किये हों।

अगर आप भारतीय समाज के चरित्र से अच्छी तरह परिचित होंगे तो आपको मालूम होगा कि *कोई ऐसा गरीब ब्राह्मण ठाकुर बनिया नहीं मिलेगा जिसको केवल जाति के आधार पर बेइज्जत होना पड़ा हो , जबकि अछूतो-पिछड़ो के लिए आम बात है।

तो आरक्षण का आधार गरीबी कैसे हो सकता हैं ?

सुप्रीम कोर्ट पर कब्जा किये हुए ब्राह्मण जजों ने मिलकर आर्थिक आधार पर आरक्षण की माँग की है ।

सवर्णों द्वारा गरीबी अर्थात् आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग एक मनुवादी झांसा है ताकि दलितों - पिछड़ों को फिर से गुलाम बनाया जा सके ।

गरीबी के आधार पर आरक्षण का मतलब स्वर्ण गरीबी का फर्जी सर्टिफिकेट बनाएगा और दलितों-पिछड़ों का हक मारा जायेगा।

आपको क्या लगता है अगर जाति के आधार पर आरक्षण नहीं होता तो क्या सरकारी दफ्तरों, कॉलेजो, स्कूलों में दलित-पिछड़े दिखतें ?

अरे उन्हें तो गेट से ही मारकर भगा दिया जाता ।

 अपने हक़ और अधिकारों के लिए इस मैसेज को हर SC, ST, OBC तक पहुँचाने के लिए अधिक से अधिक शेयर करें।
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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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