पाचन तंत्र की जानकारी
ग्रहणी(duodenum) में वसा का पायसीकरण होता है
अग्नाशय ग्रंथि हार्मोन तथा एंजाइम दोनों स्त्राव करती है
अमरबेल तथा आर्केड ऐसे पौधे जो पौधों को बिना मारे इनसे पोषण प्राप्त करते हैं
एक कोशिकीय जीव में भोजन संपूर्ण सतह से लिया जाता है
मांसाहारी प्राणियों की आहार नाल छोटी होती है
यकृत की कोशिकाएं हिपेरिन नामक प्रोटीन का स्राव करती है
अपेन्डिक्स हमारे शरीर में अवशेषी अंग है इसका कोई काम नही है
वसा का पाचन लाइपेज एंजाइम द्वारा होता है
लार में टायलिन नामक एंजाइम होता है
जो स्टार्च को माल्टोज में बदल देता है
अमाशय की दीवार पर जठर ग्रंथियां पाई जाती है जो जठर रस का स्राव करती है
शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत है जो पित्त रस का स्राव करती है
यकृत हानिकारक अमोनिया को युरिया में बदल देता है
शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि पिट्यूटरी ग्रंथि है जो मस्तिष्क में है
ऑक्सिन्टिक कोशिकाएं हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का स्त्राव करती है
आमाशय मे मे एल्काहॉल व दवाइयों का अवशोषण होता है
नेज कारक विटामिन बी12 के अवशोषण में सहायक है
हीलियो सिकल कपाट मल को को वापस नहीं जाने देता
पित्त रस में बिलीरूबिन बिलीरुबिन वर्णक होते हैं
पचे हुए भोजन से विष का निरवशीकरण यकृत करता है
पाचन का सबसे अधिक समय छोटी आत में संपन्न होता है
पित्ताशय में पित्त रस एकत्रित होता है और बनता यकृत में है
आहारनाल में किसी भी प्रकार की पाचन क्रिया नहीं होती
Carbohydrate का पाचन आमाशय में होता है
ग्रहणी(duodenum) में वसा का पायसीकरण होता है
अग्नाशय ग्रंथि हार्मोन तथा एंजाइम दोनों स्त्राव करती है
अमरबेल तथा आर्केड ऐसे पौधे जो पौधों को बिना मारे इनसे पोषण प्राप्त करते हैं
एक कोशिकीय जीव में भोजन संपूर्ण सतह से लिया जाता है
मांसाहारी प्राणियों की आहार नाल छोटी होती है
यकृत की कोशिकाएं हिपेरिन नामक प्रोटीन का स्राव करती है
अपेन्डिक्स हमारे शरीर में अवशेषी अंग है इसका कोई काम नही है
वसा का पाचन लाइपेज एंजाइम द्वारा होता है
लार में टायलिन नामक एंजाइम होता है
जो स्टार्च को माल्टोज में बदल देता है
अमाशय की दीवार पर जठर ग्रंथियां पाई जाती है जो जठर रस का स्राव करती है
शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत है जो पित्त रस का स्राव करती है
यकृत हानिकारक अमोनिया को युरिया में बदल देता है
शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि पिट्यूटरी ग्रंथि है जो मस्तिष्क में है
ऑक्सिन्टिक कोशिकाएं हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का स्त्राव करती है
आमाशय मे मे एल्काहॉल व दवाइयों का अवशोषण होता है
नेज कारक विटामिन बी12 के अवशोषण में सहायक है
हीलियो सिकल कपाट मल को को वापस नहीं जाने देता
पित्त रस में बिलीरूबिन बिलीरुबिन वर्णक होते हैं
पचे हुए भोजन से विष का निरवशीकरण यकृत करता है
पाचन का सबसे अधिक समय छोटी आत में संपन्न होता है
पित्ताशय में पित्त रस एकत्रित होता है और बनता यकृत में है
आहारनाल में किसी भी प्रकार की पाचन क्रिया नहीं होती
Carbohydrate का पाचन आमाशय में होता है
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