सुबह के लिए शायरी
🌾🌸🌼🙏🌼🌸🌾
*नफरत* को *हजार* मौके *दो*
कि वो *प्रेम* मे *परिवर्तित* हो जाये।।
*लेकिन* प्रेम को *एक* भी *मौका* मत *दो*
कि वो *नफरत* मे *बदल* जाये।।
🌾🌸🌼🙏🌼🌸🌾
*इंसानियत आदमी को*
*इंसान बना देती है* ,
*लगन हर मुश्किल को*
*आसान बना देती है* ।
*लोग यूँ ही नहीं जाते*
*मंदिरों में पूजा करने*
*आस्था ही तो पत्थर को*
*भगवान बना देती है ।*
🙏 *सुप्रभात* 🙏
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*नफरत* को *हजार* मौके *दो*
कि वो *प्रेम* मे *परिवर्तित* हो जाये।।
*लेकिन* प्रेम को *एक* भी *मौका* मत *दो*
कि वो *नफरत* मे *बदल* जाये।।
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*इंसानियत आदमी को*
*इंसान बना देती है* ,
*लगन हर मुश्किल को*
*आसान बना देती है* ।
*लोग यूँ ही नहीं जाते*
*मंदिरों में पूजा करने*
*आस्था ही तो पत्थर को*
*भगवान बना देती है ।*
🙏 *सुप्रभात* 🙏
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Super
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