*आरक्षण*
..भारत में ब्राह्मण- 2 % है...... पर
लोकसभा में ब्राह्मण : 80%
राज्यसभा में ब्राह्मण : 96 %
ब्राह्मण राज्यपाल : 60 %
कैबिनेट सचिव : 53 %
मंत्री सचिव में ब्राह्मण : 54%
अतिरिक्त सचिव ब्राह्मण : 62%
पर्सनल सचिव ब्राह्मण : 80%
यूनिवर्सिटीमें ब्राह्मण वाईस
चांसलर : 91%
सुप्रीम कोर्टमें ब्राह्मण जज: 96%
हाई कोर्टमें ब्राह्मण जज : 85 %
भारतीय राजदूत ब्राह्मण : 81%
पब्लिक अंडरटेकिंग ब्राह्मण :
केंद्रीय : 87%
राज्य : 82 %
बैंक में ब्राह्मण : 68 %
एयरलाइन्स में ब्राह्मण : 61%
IAS ब्राह्मण : 72%
IPS ब्राह्मण : 61%
टीवी कलाकार एव बॉलीवुड : 83%
CBI, Excise & Customs- ब्राह्मण 72%
मंदिरों में ब्राह्मण- 100%
मीडिया में ब्राह्मण- 90%
ये देखो ब्राह्मणों का आरक्षण!!!
इसका विरोध आज तक किसी ने क्यों नही किया???
SC व ST को 22.5% आरक्षण नौकरी और राजनीति में मिला है, बाकी क्षेत्रों में नहीं।
अब हम देखते हैं कि देश में आरक्षण और जनसंख्या का अनुपात क्या है?
जनसंख्या आरक्षण 100% में
एस सी 15% हैं पर आरक्षण 15%
एस टी 7.5%हैं पर आरक्षण 7.5%
ओबीसी 52% पर आरक्षण 27 %
अल्पसंख्यक 14.5% पर आरक्षण 0% है।इस तरह कुल संख्या 89 % पर आरक्षण 49.5 % अर्थात, SC, ST, OBC और MINORITY's की
जनसंख्या 89% है और उन्हें आरक्षण है सिर्फ 49.5%.पर जनरल या ओपन कैटेगिरी की जनसंख्या है 11% और उन्हें आरक्षण है 50.5%. अब इन आंकडों को देख कर बताइए की वास्तव में तथा कथित आरक्षण (ओपन के नाम पर) कौन ले रहा है ?....अर्थात, ब्राह्मण !!! देश में ओपन या जनरल कैटिगरी की संख्या है सिर्फ 11% और उन्हें आरक्षण दिया जा रहा है 50%. उन 15% में विदेशी ब्राह्मण तो सिर्फ 2 % ही हैं और यही अल्पसंख्यक ब्राह्मण लोग वास्तव में 80% से 90% आरक्षण खाये जा रहे हैं। मतलब, ब्राह्मण ओपन के नाम पर बनिया और राजपूतों का आरक्षण तो खा ही रहा है, साथ ही साथ वह SC/ST/OBC का भी आरक्षण खा रहा है। यही कारण है कि, SC/ ST/ OBC का कोटा पिछले 70 सालों से आजतक भरा नहीं है। OBC की स्थिति तो अत्यंत ही दयनीय है। उनकी संख्या है 52% और उनको आरक्षण मिला है सिर्फ 27 %!! उपर से क्रिमिलेयर का आर्थिक आधार लगाकर ब्राह्मणों ने OBC के आरक्षण को शून्य बना दिया है। इसलिए, OBC का कोटा अभी तक सिर्फ 4.1% ही भरा है और उनका बचा हुआ हिस्सा ब्राह्मणों ने हड़प लिया है। इसलिए संख्या के अनुसार सभी जातियों को आरक्षण मिलना चाहिए। ब्राह्मण अगर 2 % है, तो उन्हें सिर्फ 2 % ही आरक्षण मिलना चाहिए और 3 % के ज्यादा जगहों पर से ब्राम्हणों को हटाकर उन जगहों पर SC/ ST/ OBC की भर्ती करनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो मराठा, जाट, अहिर, लिंगायत, रेड्डी, पटेल इत्यादि सभी जाति समुदायों को उनकी संख्या के अनुपात में आरक्षण मिलेगा। संविधान के आर्टीकल 15(4) & 16(4) में भी समानुपातिक भागीदारी का प्रावधान है जिसे शासक वर्ग अभी तक अनदेखा कर ओबीसी के साथ अन्याय कर रहे हैं। और सांसद महोदय 10% का स्वागत कर रहे है।
*ये जानकारी सभी बहुजन भाइयों तक पहुँचाएं*
*जागो OBC,SC,ST, MINORITIES जागो*
ज़रा सोचो
..भारत में ब्राह्मण- 2 % है...... पर
लोकसभा में ब्राह्मण : 80%
राज्यसभा में ब्राह्मण : 96 %
ब्राह्मण राज्यपाल : 60 %
कैबिनेट सचिव : 53 %
मंत्री सचिव में ब्राह्मण : 54%
अतिरिक्त सचिव ब्राह्मण : 62%
पर्सनल सचिव ब्राह्मण : 80%
यूनिवर्सिटीमें ब्राह्मण वाईस
चांसलर : 91%
सुप्रीम कोर्टमें ब्राह्मण जज: 96%
हाई कोर्टमें ब्राह्मण जज : 85 %
भारतीय राजदूत ब्राह्मण : 81%
पब्लिक अंडरटेकिंग ब्राह्मण :
केंद्रीय : 87%
राज्य : 82 %
बैंक में ब्राह्मण : 68 %
एयरलाइन्स में ब्राह्मण : 61%
IAS ब्राह्मण : 72%
IPS ब्राह्मण : 61%
टीवी कलाकार एव बॉलीवुड : 83%
CBI, Excise & Customs- ब्राह्मण 72%
मंदिरों में ब्राह्मण- 100%
मीडिया में ब्राह्मण- 90%
ये देखो ब्राह्मणों का आरक्षण!!!
इसका विरोध आज तक किसी ने क्यों नही किया???
SC व ST को 22.5% आरक्षण नौकरी और राजनीति में मिला है, बाकी क्षेत्रों में नहीं।
अब हम देखते हैं कि देश में आरक्षण और जनसंख्या का अनुपात क्या है?
जनसंख्या आरक्षण 100% में
एस सी 15% हैं पर आरक्षण 15%
एस टी 7.5%हैं पर आरक्षण 7.5%
ओबीसी 52% पर आरक्षण 27 %
अल्पसंख्यक 14.5% पर आरक्षण 0% है।इस तरह कुल संख्या 89 % पर आरक्षण 49.5 % अर्थात, SC, ST, OBC और MINORITY's की
जनसंख्या 89% है और उन्हें आरक्षण है सिर्फ 49.5%.पर जनरल या ओपन कैटेगिरी की जनसंख्या है 11% और उन्हें आरक्षण है 50.5%. अब इन आंकडों को देख कर बताइए की वास्तव में तथा कथित आरक्षण (ओपन के नाम पर) कौन ले रहा है ?....अर्थात, ब्राह्मण !!! देश में ओपन या जनरल कैटिगरी की संख्या है सिर्फ 11% और उन्हें आरक्षण दिया जा रहा है 50%. उन 15% में विदेशी ब्राह्मण तो सिर्फ 2 % ही हैं और यही अल्पसंख्यक ब्राह्मण लोग वास्तव में 80% से 90% आरक्षण खाये जा रहे हैं। मतलब, ब्राह्मण ओपन के नाम पर बनिया और राजपूतों का आरक्षण तो खा ही रहा है, साथ ही साथ वह SC/ST/OBC का भी आरक्षण खा रहा है। यही कारण है कि, SC/ ST/ OBC का कोटा पिछले 70 सालों से आजतक भरा नहीं है। OBC की स्थिति तो अत्यंत ही दयनीय है। उनकी संख्या है 52% और उनको आरक्षण मिला है सिर्फ 27 %!! उपर से क्रिमिलेयर का आर्थिक आधार लगाकर ब्राह्मणों ने OBC के आरक्षण को शून्य बना दिया है। इसलिए, OBC का कोटा अभी तक सिर्फ 4.1% ही भरा है और उनका बचा हुआ हिस्सा ब्राह्मणों ने हड़प लिया है। इसलिए संख्या के अनुसार सभी जातियों को आरक्षण मिलना चाहिए। ब्राह्मण अगर 2 % है, तो उन्हें सिर्फ 2 % ही आरक्षण मिलना चाहिए और 3 % के ज्यादा जगहों पर से ब्राम्हणों को हटाकर उन जगहों पर SC/ ST/ OBC की भर्ती करनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो मराठा, जाट, अहिर, लिंगायत, रेड्डी, पटेल इत्यादि सभी जाति समुदायों को उनकी संख्या के अनुपात में आरक्षण मिलेगा। संविधान के आर्टीकल 15(4) & 16(4) में भी समानुपातिक भागीदारी का प्रावधान है जिसे शासक वर्ग अभी तक अनदेखा कर ओबीसी के साथ अन्याय कर रहे हैं। और सांसद महोदय 10% का स्वागत कर रहे है।
*ये जानकारी सभी बहुजन भाइयों तक पहुँचाएं*
*जागो OBC,SC,ST, MINORITIES जागो*
ज़रा सोचो
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